lalkitab remedies
मां बनना हर स्त्री का सपना होता है, परंतु कुछ महिलाओं को यह सुख नहीं मिल पाता या देर से मिलता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जिन महिलाओं की कुंडली में बांझ योग होता है, उनमें मातृत्व सुख से वंचित रहने की संभावनाएं रहती हैं।
- क्या होता है बांझ योग?
- स्त्री की कुंडली में कैसी ग्रह स्थिति होती है जिससे मां बनने में परेशानियां आती हैं?
- इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के ज्योतिषीय उपाय...
यदि किसी स्त्री की कुंडली में जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रहों से युक्त हो तो बांझ योग बनता है।
यदि किसी स्त्री की कुंडली का पंचम भाव बुध से पीड़ित हो या कुंडली के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो स्त्री संतान उत्पन्न करने में असमर्थ हो सकती है।
यदि किसी स्त्री की कुंडली के पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
किसी महिला की कुंडली के सप्तम भाव में यदि सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतान प्राप्ति मे समस्याएं आती हैं।
इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के लिए ये उपाय करें- - हरिवंश पुराण का पाठ करें। - गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें। - कुंडली के पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार कराएं। - दूध का सेवन करें।
मां बनना हर स्त्री का सपना होता है, परंतु कुछ महिलाओं को यह सुख नहीं मिल पाता या देर से मिलता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जिन महिलाओं की कुंडली में बांझ योग होता है, उनमें मातृत्व सुख से वंचित रहने की संभावनाएं रहती हैं।
- क्या होता है बांझ योग?
- स्त्री की कुंडली में कैसी ग्रह स्थिति होती है जिससे मां बनने में परेशानियां आती हैं?
- इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के ज्योतिषीय उपाय...
यदि किसी स्त्री की कुंडली में जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रहों से युक्त हो तो बांझ योग बनता है।
यदि किसी स्त्री की कुंडली का पंचम भाव बुध से पीड़ित हो या कुंडली के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो स्त्री संतान उत्पन्न करने में असमर्थ हो सकती है।
यदि किसी स्त्री की कुंडली के पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
किसी महिला की कुंडली के सप्तम भाव में यदि सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतान प्राप्ति मे समस्याएं आती हैं।
इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के लिए ये उपाय करें- - हरिवंश पुराण का पाठ करें। - गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें। - कुंडली के पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार कराएं। - दूध का सेवन करें।
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