Thursday, June 21, 2012

गुरुवार को बोलें ये 5 आसान गुरु मंत्र..मिलेगा सफलता, तरक्की व ऊंचाई का मजा

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अक्सर हर इंसान के जीवन का मकसद सुख और शांति इन दो शब्दों के दायरे में उजागर होता है। ऐसी सुख-शांति के सुरक्षा घेरे में आने के लिये जो अहम बातें जरूरी होती है, वह है - अच्छाई। अच्छाई बेहतर विचार, ज्ञान, विवेक, बुद्धि, सद्गुणों के रूप में प्रकट होती है। जिसके लिये कोई नियत वक्त नहीं, बल्कि ताउम्र कर्म और पुरुषार्थ से जुड़े रहना जरूरी होता है। 

वहीं धार्मिक उपायों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, विद्या, विवेक, सौभाग्य और समृद्धि देने वाली मानी गई है। ज्योतिष के मुताबिक भी गुरु ग्रह सुख-सौभाग्य की कारक है, जो पद, यश, प्रतिष्ठा, दाम्पत्य सुखों के रूप में प्रकट होते हैं। 

अगर आप भी जीवन में तरक्की, ऊंचाई, सफलता के साथ भाग्य का साथ चाहते हैं तो यहां बताए 5 सरल मंत्रों और पूजा विधि से गुरु बृहस्पति की उपासना कर जीवन में सुख-शांति का लुत्फ उठाएं - 

- सुबह स्नान कर नवग्रह मंदिर या बृहस्पति मंदिर में भगवान बृहस्पति की केसर, हल्दी मिले दूध अर्पित करें। पीले फूल, पीले चावल, पीला वस्त्र, पीला अनाज, पीले रंग की मिठाई चढ़ाकर पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे सरल 5 बृहस्पति मंत्रों को स्मरण कर सुख-सौभाग्य की कामना से करें व अंत में गाय के पीले घी से दीप जलाकर आरती करें -

ॐ सुरकार्यकृतोद्यमाय नमः।

ॐ देवपूजिताय नमः।

ॐ अङ्गिरःकुलसंभवाय नमः।

ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः।

ॐ धर्मरूपाय नमः।

Tuesday, June 19, 2012

शुभ मुहूर्त: जानिए कब करें देव प्रतिमा की स्थापना

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मंदिर के लिए जब भगवान की प्रतिमा बनवाई जाती है तो उसकी प्रतिष्ठा भी शुभ मुहूर्त देखकर ही की जाती है। मंदिर में प्रतिमा की प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-

शुभ वार- देव प्रतिष्ठा मुहूर्त के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शुभ हैं।

शुभ तिथि- शुक्लपक्ष की 1, 2, 5,10, 13, 15 वीं तिथि शुभ हैं। मतांतर से कृष्णपक्ष 1, 2, 5वीं तिथि भी शुभ मानी गई है।

शुभ नक्षत्र- पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, हस्त, रेवती, रोहिणी, अश्विनी, मूला, श्रवण, धनिष्ठा व पुनर्वसु नक्षत्र शुभ हैं। इसके अतिरिक्त उत्तरायण के सूर्य में गुरु, शुक्र और मंगल भी बली होना चाहिए। 

लग्न शुद्धि- स्थिर व द्विस्वभाव लग्न हो केंद्र व त्रिकोण में शुभ ग्रह एवं 3,6,11वें पाप ग्रह हों। अष्टम में कोई पाप ग्रह हो।

देवशयन, मलमास, गुरु-शुक्र अस्त व निर्बल चंद्र कदापि नहीं होना चाहिए। शिवलिंग स्थापना के लिए शिववास भी देखना शुभ होता है।

जानिए मंगलवार को कौन-कौन से काम करने चाहिए

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मंगलवार का दिन हनुमानजी की आराधना का विशेष दिन माना जाता है। इसके साथ ही ज्योतिष के अनुसार ये दिन मंगल ग्रह के निमित्त पूजा करने का विधान बताया गया है। मंगल देव की खास पूजा उन लोगों को करनी चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है।

यदि आपकी जन्म कुंडली में मंगल दोष है तो निश्चित ही आपको बहुत सारी परेशानियां घेरे रहती होंगी। समय पर विवाह नहीं होता, धन के संबंध में समस्याएं चलती रहती हैं, घर-जमीन-जायदाद को लेकर तनाव झेलना पड़ता है। मंगल भूमि पुत्र है और भूमि से संबंधित कार्य करने वालों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। आप प्रापर्टी के संबंध में सौदे या व्यवसाय करते हैं और अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो मंगल देवता को खुश रखना बहुत जरूरी है।

जिनकी लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है वे मंगली कहलाते हैं। ऐसे लोगों को मंगलवार के दिन यहां बताए गए उपाय करना चाहिए। साथ ही जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ फल देने वाला है उनके लिए हम यहां कुछ अचूक उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाने से मंगल आपके अनुकूल हो जाएगा और समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।


मंगल प्रभावित व्यक्ति क्रोधी हो जाता है, अत: प्रयत्न करें की क्रोध आप पर हावी न हो।


लाल रंग मंगल का विशेष प्रिय रंग हैं अत: कम से कम को मंगलवार खाने में ऐसा खाना खाएं जिसका रंग लाल हो, जैसे इमरती, मसूर की दाल, सेवफल आदि।


अपने घर में भाई-बहनों का विशेष ध्यान रखें। मंगलवार को उन्हें कुछ विशेष उपहार दें।


मंगलवार हनुमानजी का दिन माना जाता है अत: इस दिन उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।


सुंदरकांड या हनुमान चालिसा का पाठ करें।


ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगल शांति के लिए मंगल का दान (लाल रंग का बैल, सोना, तांबा, मसूर की दाल, बताशा, लाल वस्त्र आदि) किसी गरीब जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दें।


मंगल का मंत्र: ऊँ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताये धीमहि तन्नौ भौम: प्रचोदयात्। इस मंत्र का नित्य जप करें।


मंगल परम मातृभक्त हैं। वह सभी माता-पिता का सेवा-सम्मान करने वाले लोगों पर विशेष स्नेह रखते हैं अत: मंगलवार को अपनी माता को लाल रंग का विशेष उपहार दें। मंगल से संबंधित वस्तुएं उपहार में भी ना लें।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल हमारे शरीर के रक्त में स्थित माना गया है। अत: ऐसा खाना खाएं जिससे आपका रक्त शुद्ध बना रहे।


मंगलवार का व्रत रखें और किसी गरीब को पेटभर खाना खिलाकर तृप्त करें।

ऐसी लड़कियों का मां बनना होता है मुश्किल

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मां बनना हर स्त्री का सपना होता है, परंतु कुछ महिलाओं को यह सुख नहीं मिल पाता या देर से मिलता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जिन महिलाओं की कुंडली में बांझ योग होता है, उनमें मातृत्व सुख से वंचित रहने की संभावनाएं रहती हैं।

- क्या होता है बांझ योग?

- स्त्री की कुंडली में कैसी ग्रह स्थिति होती है जिससे मां बनने में परेशानियां आती हैं?

- इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के ज्योतिषीय उपाय...


यदि किसी स्त्री की कुंडली में जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रहों से युक्त हो तो बांझ योग बनता है।


यदि किसी स्त्री की कुंडली का पंचम भाव बुध से पीड़ित हो या कुंडली के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो स्त्री संतान उत्पन्न करने में असमर्थ हो सकती है।


यदि किसी स्त्री की कुंडली के पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


किसी महिला की कुंडली के सप्तम भाव में यदि सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतान प्राप्ति मे समस्याएं आती हैं।


इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के लिए ये उपाय करें- - हरिवंश पुराण का पाठ करें। - गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें। - कुंडली के पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार कराएं। - दूध का सेवन करें।




लड़का या लड़की जल्दी शादी करना चाहते हैं तो ये उपाय करें...

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हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह। सामान्यत: सभी लोगों का विवाह हो जाता है, कुछ लोगों का जल्दी विवाह होता है तो कुछ लोगों की शादी में विलंब होता है। यदि किसी अविवाहित लड़के या लड़की की सभी परिस्थितियां बहुत अच्छी हैं लेकिन फिर भी विवाह नहीं हो पा रहा है तो ऐसा संभव है कि उनकी कुंडली में कोई ग्रह बाधा हो।


शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले आदि। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए। हालांकि इस व्रत के कई कठोर नियम भी हैं। ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: मंत्र की पांच माला प्रति गुरुवार जप करें। गुरु ग्रह की पूजा के अतिरिक्त शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्वपत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।


बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है। गुरुवार के दिन बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए।


अविवाहित युवाओं की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित बाधा हो तो विवाह में विलंब होता है। गुरु ग्रह को शादी का कारक ग्रह माना जाता है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली मंगली होती है उनका विवाह या तो जल्दी हो जाता है या काफी विलंब से होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में है तो उसे बृहस्पति ग्रह को मनाने के लिए ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए।