Sunday, August 26, 2012

किस राशि के लोगों को किस क्षेत्र से विशेष लाभ प्राप्त होगा

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जानिए अभी के समय में किस राशि के लोगों को किस क्षेत्र से विशेष लाभ प्राप्त होगा? कहां पैसा लगाएं और कहां नहीं?
 
मेष- मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं। मंगल को पृथ्वी का पुत्र माना जाता है। इसका रक्त वर्ण है। जमीन, मकान, खेती एवं उससे जुड़े उपकरणों, दवाइयों के उपकरणों, वाहन विक्रय, खनिज, कोयला में निवेश करने वाले लोगों को मंगल बहुत लाभ देता है। इस राशि के लोगों को किसी भी प्रकार के शेयर, केमिकल, चमड़े, लोहे से संबंधीत कार्य में निवेश करने से बचना चाहिए। जन्मपत्रिका में मंगल-चंद्र की युति हो तो व्यक्ति अति धनवान होता है। पूर्व का निवेश अटका हो तो हर मंगलवार के दिन हनुमानजी को सरसो के तेल का दीपक लगाना चाहिए।
 
वृषभ- इस राशि का स्वामी शुक्र है। शुक्र चंचल ग्रह है तथा चंद्रमा इस राशि में उच्च का होता है। इन लोगों को अनाज, कपड़ा, चांदी, शकर, चावल, सौन्दर्य सामग्री, इत्र, दूध एवं दूध से बने पदार्थ, प्लास्टिक, खाद्य तेल, ऑटो पार्टस, वाहन में लगने वाली सामग्री, कपड़े से संबंधीत शेयर एवं रत्नों में निवेश करने से लाभ प्राप्त होता है। जमीन, खनिज, कोयला, रत्न, सोना, चांदी, स्टील, कोयला, शिक्षण संस्थान, चमड़ा, लकड़ी, वाहन, आधुनिक यंत्र, औषधियों, विदेशी दवाइयों आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रह के निमित्त घी का दीपक लगाना चाहिए।
 
मिथुन- इस राशि का स्वामी बुध है। बुध चंद्र को अपना शत्रु मानता है। बुध व्यापार करने वाले लोगों को लाभ देने वाला ग्रह है। इस राशि के जातकों को सोने में निवेश लाभदायी रहता है। इसके अलावा कागज, लकड़ी, पीतल, गेंहू, दालें, कपड़ा, स्टील, प्लास्टिक, तेल, सौन्दर्य सामग्री, सीमेंट, खनिज पदार्थ, पशु, पूजन सामग्री, वाद्य यंत्र आदि का व्यापार या इन चीजों से संबंधित निवेश लाभ देता है। चांदी, शकर, चावल, सुखे मेवे, कांसा, लोहा, इलेक्ट्रॉनिक्स, जमीन, सीमेंट, इत्र, केबल तार, वाहन, दवाइयों, पानी से संबंधीत पदार्थ में निवेश करने से बचने का प्रयास करें। पूर्व का निवेश अटका हो तो सफेद वस्त्रों का दान करें।
 
कर्क- कर्क राशि का स्वामी स्वयं चन्द्रमा है। इस राशि के लोग व्यवसाय के साथ नौकरी में भी सफल होते हैं। इन लोगों को चांदी, चावल, शकर एवं कपड़ा उत्पाद करने वाली कंपनियों के शेयर, प्लास्टिक, अनाज, लकड़ी, केबल, तार, फिल्मों, खाद्य सामग्रियों, आधुनिक उपकरण, बच्चों के खिलोने, फायनेंस कंपनियों में निवेश करना लाभदायी होता है। वर्तमान में शनि का ढैय्या होने से शेयर एवं वादा बाजार में निवेश से बिल्कुल नहीं करें। जमीन, प्लाट, मकान, दुकान, तेल, सोना, पीतल, वाहन, दूध से बने पदार्थ, पशु, रत्न, फर्टीलाइजर्स, सीमेंट, औषधियों एवं विदेशी दवाई कंपनियों में निवेश सावधानी से करना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो श्रीगणेश को भोग लगाएं।
 
सिंह- इस राशि का स्वामी सूर्य चंद्रमा का मित्र है। यह लोग स्वयं का कार्य या व्यापार में सफल होते हैं। सामान्यत: इन लोगों को नौकरी पसंद नहीं होती है। इन्हें सोना, गेंहू, कपड़ा, औषधियों, रत्नों, सौन्दर्य सामग्री, इत्र, सेंट, शेयर एवं जमीन जायदाद में निवेश से लाभ होता है। इन लोगों को तकनीकी उपकरण, वाहन, सौदंर्य सामग्री, फिल्म्स, प्लास्टिक, केबल तार, इलेक्ट्रॉनिक्स, कागज, खाद्य पदार्थ, लकड़ी एवं उससे बने उपकरण, सेना में सप्लाई करने में भी यह लाभ प्राप्त होता है। इस राशि के जातकों को किसी भी निवेश लाभ-हानि बराबर होती है। पूर्णत: हानि से यह सदैव बचे रहते हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो हनुमानजी को चमेली के तेल का दीपक लगाएं।
 
कन्या- इस राशि का स्वामी बुध है। जो चंद्रमा से शत्रुता रखता है। इन लोगों को शिक्षण संस्थान, सोना, औषधियों, केमिकल, फर्टीलाइजर्स, चमड़े से बने सामान, खेती, खेती के उपकरणों के कार्य करने में सफलता प्राप्त होती है। इन चीजों में निवेश भी लाभदायी होता हंै। जमीन, चांदी, सीमेंट, ट्रांसपोर्ट, मशीनों का सामान, पशु एवं जल से जुड़े कार्यों में निवेश से बचना चाहिए। वर्तमान समय में शनि का अंतिम ढैय्या होने से शेयर एवं वादा बाजार में अच्छी सलाह के बाद ही निवेश करें। पूर्व में कोई निवेश उलझा हो तो श्रीगणेश को लड्डू का भोग लगाएं।
 
तुला- इस राशि का स्वामी शुक्र होता है। शनि इस राशि में उच्च का होता है और इस समय शनि तुला में ही है। इस राशि के लोगों को लौहा, सीमेंट, स्टील, दवाइयों, केमिकल, चमड़े, फर्टीलाइजर्स, कपड़ा, तार, इस्पात, कोयला, रत्नों, प्लास्टिक, आधुनिक यंत्रों (कंप्यूटर, कैमरे, टेलीविजन आदि बनाने वाली कंपनी) तेल में निवेश करने से उत्तम लाभ होता है। जमीन, मकान, खेती, खेती संबंधी उपकरण, वस्त्र, में निवेश करने से बचें। वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती होने से शेयर एवं वादा बाजार में निवेश नहीं करें। पूर्व में निवेश अटका हो तो सूर्य को दूध अर्पण करें।
 
वृश्चिक- इस राशि का स्वामी मंगल है। चंद्रमा इस राशि में नीच का होता हैं। मेष राशि की ही तरह इस राशि वालों को जमीन, मकान, दुकान, खेती, सीमेंट, रत्नों, खनिजों, खेती एवं मेडिकल के उपकरण, पूजन सामग्री, कागज, वस्त्र में निवेश से लाभ होता है। आपकी कुंडली में यदि चंद्रमा पर शनि की नजर हो तो तेल, केमिकल एवं तरल पदार्थों में निवेश करने से बचें। वर्तमान समय में शनि की साढ़ेसाती होने से शेयर, केमिकल, लौहा, चमड़ा, सोना, चांदी, स्टील, लकड़ी, सौंदर्य सामग्री, लौहे के उपकरण, तेल में निवेश बिल्कुल नहीं करें। पूर्व में निवेश अटका हो तो मंगलवार के दिन किसी चौराहे पर तेल डालें।
 
धनु- इस राशि के स्वामी गुरु ग्रह हैं। गुरु व्यापारियों को लाभ देने वाला ग्रह है। विश्ेाषकर सोने एवं अनाज का व्यापार करने वालों के लिए। इस राशि के लोगों को निवेश के लिए भी इन्हीं वस्तुओं पर ध्यान देना चाहिए। आभूषणों, रत्नों, सोना, अनाज, कपास, चांदी, शकर, चावल, औषधियों, सौंदर्य सामग्री, दूध से बने पदार्थ, पशुओं का व्यापार करने एवं उसमें निवेश करने से लाभ होता है। तेल, केमिकल, खनिज, खदान, कोयला, खाद्य तेल, किराना व्यापार, केबल तार, शीशा, लकड़ी, जमीन, मकान, सीमेंट, लौहे के व्यापार या उसमें निवेश करने से हानि होने की संभावनाएं बनती हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो सरसों का तेल दान करें।
 
मकर- इस राशि का स्वामी शनि है। शनि चंद्र से शत्रुता रखता है। इस राशि के लोगों को लोहा, इस्पात, केबल, तेल सभी प्रकार के, खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, यंत्र, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, चिकित्सा के उपकरण, वस्त्र, इत्र, सेंट, स्टील, सौन्दर्य सामग्री, ग्लेमर वल्र्ड, फिल्म्स, नाटकों आदि में निवेश करने से लाभ होता है। जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, रत्न, पीतल, अनाज, वस्त्र, शेयर आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो इमली का दान करें।
 
कुंभ- इस राशि का स्वामी भी शनि ही है तथा मकर की तरह ही इसके बारे में समझना चाहिए। इस राशि के लोगों को लोहा, इस्पात, केबल, तेल सभी प्रकार के खाद्य सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, यंत्र, खनिज पदार्थ, खेती उपकरण, वाहन, मेडिकल के उपकरण, वस्त्र, इत्र, सेंट, स्टील, सौन्दर्य सामग्री, ग्लेमर वल्र्ड, फिल्म्स, नाटकों आदि में निवेश करने से लाभ होता है। जमीन, मकान, सीमेंट, सोना, चांदी, रत्न, पीतल, अनाज, वस्त्र, शेयर आदि में निवेश से बचना चाहिए। पूर्व का निवेश अटका हो तो अदरक का दान करें।
 
मीन- इस राशि का स्वामी गुरु है। गुरु चंद्र का मित्र है। इस राशि पर वर्तमान में शनि का ढैय्या प्रारंभ हुआ है। अत: किसी भी प्रकार के निवेश से इन्हें बचना चाहिए। विशेषकर शेयर एवं वादा बाजार में। इनके निवेश के लिए आभूषणों, रत्नों, सोना, अनाज, कपास, चांदी, शकर, चावल, औषधियों, सौंदर्य सामग्री, दूध से बने पदार्थ, पशुओं का व्यापार करने एवं इन चीजों में निवेश करने से लाभ होता है। तेल, केमिकल, खनिज, खदान, कोयला, खाद्य तेल, किराना व्यापार, केबल तार, शीशा, लकड़ी, जमीन, मकान, सीमेंट, लौहे के व्यापार या उसमें निवेश करने से हानि होने की संभावनाएं बनती हैं। पूर्व का निवेश अटका हो तो दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

Friday, August 3, 2012

किस दिन और क्यों नहीं करना चाहिए ये काम

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शास्त्रों के अनुसार दैनिक जीवन से जुड़ी कई ऐसी परंपराएं हैं जिनका पालन आज भी किया जाता है। ऐसी ही कुछ परंपराएं दाढ़ी बनवाने या हजामत करवाने या बाल कटवाने से संबंधित हैं। 
रोज के कामों से जुड़ी कई परंपराएं हैं। जैसे स्नान के बाद ही पूजा करना, खाने के पहले नहाना, ग्यारस को चावल नहीं खाना, मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल नहीं कटवाना आदि।
आज भी घर के बड़े और बुजुर्गों द्वारा बताया जाता है कि शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल नहीं काटवाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सप्ताह के कुछ ऐसे दिन हैं जब ग्रहों से ऐसी किरणें निकलती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। शनिवार, मंगलवार और गुरुवार को निकलने वाली इन किरणों का सीधा प्रभाव हमारे सिर पर पड़ता है। हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग मस्तिष्क ही है, सिर का मध्य भाग अति संवेदनशील और बहुत ही कोमल होता है। जिसकी सुरक्षा बालों से होती है। इसी वजह से इन दिनों में बालों को नहीं कटवाना चाहिए।


शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मंगलवार को बाल कटवाने से हमारी आयु आठ माह कम हो जाती है।
गुरुवार देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है अत: इस दिन बाल कटवाने से धन की कमी होने की संभावनाएं रहती हैं।
शनिवार को बाल कटवाने से आयु में सात माह की कमी हो जाती है।
ज्योतिष के अनुसार मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का दिन होता है। शरीर में मंगल का निवास हमारे रक्त में रहता है और रक्त से बालों की उत्पत्ति होती है। इसी तरह शनिवार शनि ग्रह का दिन हैं और शनि का संबंध हमारी त्वचा से होता है। अत: मंगलवार और शनिवार को बाल कटवाने से मंगल तथा शनि ग्रह संबंधी अशुभ प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। इनसे बचने के लिए ही इन दिनों में बाल ना कटवाने की बात कही जाती है।
हालांकि आजकल इन बातों को केवल अंधविश्वास ही माना जाता है लेकिन प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने जो परंपराएं बनाई हैं इनका अवश्य ही हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


Wednesday, July 18, 2012

किसी के बोलने का तरीका कैसा होता है?

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ज्योतिष के अनुसार कुंडली से मालूम किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की बोली कैसी है? जन्मपत्रिका का लग्न अथवा प्रथम भाव बोली का कारक होता है। लग्र में जिस तरह का ग्रह होता है व्यक्ति की बोली वैसी ही होता है।


 लग्न भाव में सूर्य शुभ हो तो व्यक्ति कम बोलने वाला लेकिन अशुभ सूर्य होने पर व्यक्ति अत्यधिक बोलने वाला होता है।


लग्न भाव में चंद्र शुभ हो तो जातक मीठा बोलने वाला, अशुभ हो तो वह व्यक्ति कड़वा बोलता है।


यदि लग्न भाव में मंगल हो तो व्यक्ति तीखा बोलता है। मंगल के शुभ या अशुभ होने पर भी जातक तीखा बोलने वाला ही होता है।


यदि प्रथम भाव में बुध शुभ हो या अशुभ व्यक्ति ओजस्वी वक्ता होता है।


गुरु शुभ हो या अशुभ व्यक्ति शालीन बोलने वाला होता है।


शुक्र लग्न में शुभ हो तो व्यक्ति चतुर भाषी और अशुभ हो तो झूठ बोलने वाला होता है।


लग्न में शनि शुभ हो या अशुभ जातक कड़वा बोलने वाला होता है।


राहु लग्र में हो तो व्यक्ति असभ्य भाषा का प्रयोग करने वाला होता है।


केतु लग्न में हो तो मृदुभाषी होता है।


यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम भाव में कोई ग्रह न हो तो लग्न भाव पर जिस ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो वैसा ही असर समझना चाहिए।

Monday, July 16, 2012

सातों दिन करेंगे ये काम तो मालामाल हो जाएंगे आप

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सोमवार-इस दिन सफलता प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं। कच्चा दूध यानी बिना गर्म किया हुआ दूध। अगर यह संभव न हो तो कार्य के लिए घर से निकलने के पहले दूध या पानी पी लें। साथ ही ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: सोमाय नम: मंत्र बोल कर घर से निकलें। सफेद रंग का रूमाल साथ रखें।


मंगलवार-यह दिन हनुमानजी की आराधना का विशेष दिन है। अत: इस सुबह-सुबह हनुमान मंदिर जाएं। साथ ही हनुमानजी को बना हुआ बनारसी पान और लाल फूल चढ़ाएं। घर से निकलने से पहले शहद का सेवन करें और ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र बोल कर प्रस्थान करें। लाल वस्त्र पहनें या लाल कपड़ा साथ रखें।


बुधवार-इस दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें। गणपतिजी को गुड़-धनिया का भोग लगाएं। घर से सौंफ खा कर निकलें। ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जप करें। हरे रंग के वस्त्र पहनें या हरा रूमाल साथ रखें।


गुरुवार-ज्योतिष के अनुसार गुरुवार गुरु ग्रह की आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन है। अत: इस दिन बृहस्पति ग्रह के निमित्त विशेष पूजन करें। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाएं। श्रीहरि को पीले फूल अर्पित करें। साथ ही ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरुवे नम: मंत्र का जप करें। पीले रंग की कोई मिठाई खाकर घर से निकलें। पीले वस्त्र पहनें या पीला रूमाल साथ रखें।


शुक्रवार-इस दिन सफलता के लिए लक्ष्मीजी को लाल फूल अर्पित करें। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जप करें। घर से निकलने से पहले दही का सेवन करें। सफेद रंग की ड्रेस पहनें या सफेद रूमाल साथ रखें।


शनिवार-हनुमान मंदिर जाएं। हनुमानजी को बना हुआ बनारसी पान और लाल फूल चढ़ाएं। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र जप कर घर से निकलें। तिल का सेवन करें। नीले वस्त्र पहनें या नीला रूमाल साथ रखकर प्रस्थान करें।


रविवार-रविवार को सूर्य देव को जल चढ़ाएं फिर लाल फूल अर्पित करें। इस दिन ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौ स: सूर्याय नम: मंत्र जप करें। गुड़ का सेवन करें। लाल रंग की ड्रेस पहनें या लाल रूमाल रखें।

राशि अनुसार जानिए आपको कहां-कहां से मिलेगा पैसा ही पैसा

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ज्योतिष के अनुसार राशि और राशि स्वामी के प्रभाव से व्यक्ति की आय एवं व्यय निर्धारित होते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति राशि अनुसार अपना काम या क्षेत्र निर्धारित करे तो उसे ग्रह-नक्षत्रों का भी साथ मिलता है और वह पैसों के साथ ही मान-सम्मान भी प्राप्त करता है। यहां राशि अनुसार जानिए किसी व्यक्ति को कौन से क्षेत्र में कार्य करना चाहिए, 


मेष- सेना, आर्किटेक्ट, अस्त्र, शस्त्र, वास्तुशास्त्र, विस्फोट सामग्री में करियर पर विचार करना चाहिए। इन लोगों को गणित, भौतिक शास्त्र, लेखा आदि विषयों में सफलता अधिक प्राप्त होती है। मंगल के साथ सूर्य की युति हो तो सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिलती है। आपको अत्यधिक सफलता के लिए लाल वस्त्र पहनना चाहिए। मसूर दाल का दान करना चाहिए।


वृषभ- ये लोग अभिनेता, गायक, वाहन विक्रेता, विद्युत उपकरणों के विक्रेता, नाट्य कला, संगीत के विशारद एवं वाणिज्य, कला, पेंटिंग, जीव विज्ञान जैसे विषयों में सफलता प्राप्त करने वाले हैं। शुक्र का स्वामित्व आपको वस्त्र एवं किराना में भी सफलता दिलाता है। अत्यधिक सफलता के लिए आपको सफेद वस्त्र पहनना चाहिए एवं दिन में दही तथा रात को दूध का सेवन करना चाहिए।


मिथुन- इस राशि के लोग अध्यापक, प्राध्यापक, कवि, गीतकार, संगीतकार, प्रवचनकर्ता, ज्योतिषी एवं गणित, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, लेखा, होटेल मैनेजमेंट, प्रबंधन, फायनेंस, बैंक के विषय चुन सकते हैं। अत्यधिक सफलता के लिए हरे वस्त्र पहनना, मूंग की दाल का सेवन एवं दान करना चाहिए। सूर्य का पूजन सर्वश्रेष्ठ है।


कर्क- इन लोगों के लिए जलीय वस्तु, शकर, चावल, चांदी, अध्यापन कार्य, क्लेरिकल, वस्त्र, स्त्रियों के वस्त्र, रेशम, सौंदर्य सामग्री, रंग, उपकरण मरम्मत करना, वाणिज्य, कला, जीव विज्ञान, प्रबंधन, कम्प्यूटर के विषयों को चयन करना उचित होता है। अत्यधिक सफलता के लिए सफेद वस्त्र पहनें, शिव एवं नारायण को चावल को भोग लगाएं एवं चावल का सेवन करें।


सिंह- इस राशि के लोग प्रतिभा के धनी होते हैं। सभी व्यापारों में सफल, विशेषकर सलाहकार, ज्योतिष, अभिभाषक, इंजीनियर, चिकित्सक, वैज्ञानिक, सेना में सफल होते हैं। बेहतर प्रबंधक होते हैं। इनके लिए सभी विषय अनुकूल हैं। इनके लिए वाणिज्य, लेखा, कानून जैसे विषय अति सफलता दिलाने वाले होते हैं। अत्याधिक सफलता के लिए आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ करें एवं लाल वस्त्र पहनें।


कन्या- ये लोग अध्यापक, प्राध्यापक, अभिभाषक, लेखक, पत्रकार, अभिनय, संगीतकार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। जीव विज्ञान, भौतिक, रसायन, गणित, लेखा के विषय अनुकूल हैं। अत्याधिक सफलता के लिए हरे वस्त्र पहनें एवं गणेशजी का पूजन करना लाभदायक होता है।


तुला- इन लोगों को अभिनय, संगीत, सेना, प्रबंधन, न्याय विभाग, बैंक, बीमा, फायनेंस, पत्रकारिता, मशीनरी, कंप्यूटर के क्षेत्र में किस्मत आजमाना चाहिए। वाणिज्य, अर्थशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, भाषा, गणित के विषयों का चयन करना शुभ होता हैं। अत्याधिक सफलता के लिए नीले वस्त्र पहनें एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।


वृश्चिक- इन लोगों के लिए सेना, शस्त्र संबंधी कार्य, पुलिस, रक्षा विभाग, न्याय विभाग, क्रिमिनल अभिभाषक, समाज सेवा, संवाददाता, राजनीति के क्षेत्र सफलता दिलाने वाले होते हैं। भौतिक शास्त्र, गणित, कानून, लेखा, राजनीति शास्त्र, होटल मैनेजमेंट, हूमैन रिसोर्स के विषय में पढ़ाई करना लाभदायक होता है। बेहतर सफलता के लिए लाल वस्त्र पहनें या साथ में रखें एवं हनुमानजी का पूजन अर्चन करें।


धनु- इन लोगों को नाट्य, ललित कला, स्वर्ण व्यापारी, चांदी व्यवसाय, किराना, समाज सेवा, अध्यात्म गुरु, प्रबंधक, होटेल, विद्यालय संचालन के क्षेत्र में सफलता मिलती है। विज्ञान, गणित, वाणिज्य, लेखा एवं सभी विषय अनुकूल होते हैं। बेहतर सफलता के लिए पीले वस्त्र पहनें एवं अपने गुरु के सम्मान के साथ गुरु मंत्र का जाप करें।


मकर- ये लोग मशीनरी, रिपेयरिंग, कम्प्यूटर, सिविल इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वास्तु विज्ञानी, गुप्त विद्याओं के जानकार, वैज्ञानिक, अच्छे शोधकर्ता होते हैं। इनके लिए गणित, भौतिक, रसायन, संस्कृत भाषा, लेखा, मैनेजमेन्ट संबंधी विषय हितकर होते हैं। अत्याधिक सफलता के लिए काले वस्त्र पहनें एवं हनुमानजी का पूजन करें।


कुंभ- इस राशि के कार्य क्षेत्र बहुत कुछ मकर राशि से मिलते-जुलते हैं। क्योंकि दोनों ही राशि का स्वामी शनि है। इसके अलावा सेना, पत्रकार, तकनीकी विशेषज्ञ, औषधियों के क्षेत्र भी सफलता दिलाने वाले होते हैं। वनस्पति शास्त्र, गणित, फार्मा, इलेक्ट्रिक के विषय हितकर होते हैं। बेहतरीन सफलता के लिए काले वस्त्र पहनें एवं दुर्गा एवं हनुमानजी का पूजन करें।


मीन- इन लोगों को अध्यात्म, धातु विक्रेता, वाहन, विद्युत उपकरणों के विक्रेता, गुप्तचर विभाग अग्रिशमन, न्याय विभाग में सफलता मिलती हैं। गणित, विज्ञान एवं वाणिज्य के सभी विषय, तकनीकी विषय भी लाभकारी होते हैं। अअत्याधिक सफलता 
के लिए पीले वस्त्र पहनें एवं शिव का पूजन करें।



आपका रुमाल कौन से रंग का होना चाहिए

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हमारे पास रखी हर छोटी-बड़ी वस्तु का संबंध हमारी सफलता या असफलता से होता है। ज्योतिष के अनुसार हमारे आसपास जो भी रंग होते हैं उनका प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है। ज्योतिष में बताए गए नौ ग्रहों का संबंध अलग-अलग रंगों से होता है और रंगों के अनुसार ही हमें अच्छे-बुरे फल प्राप्त होते हैं।

ज्योतिष के अनुसार 12 राशियां बताई गई हैं और इन सभी के अलग-अलग ग्रह स्वामी होते हैं। आपकी राशि के ग्रह स्वामी के अनुसार संबंधित रंगों के रुमाल रखने पर उस ग्रह से शुभ प्राप्त होते हैं।


मीन ( Pisces)- पीला, सफेद, या क्रीम।



कुम्भ-( Aquarius ) काला, नीला जामुनी रंग के रुमाल अच्छे फल प्रदान करते हैं।


वृश्चिक- (Scorpio) लाल, मैरून या चॉकलेटी चाकलेटी।


धनु- ( sagittarus)पीला, क्रीम या सफेद।


मकर-( Capricorn) काला, नीला, भूरा।


कन्या- (Virgo)इन लोगों को हरा, काला या स्लेटी रंग फायदा पहुंचाता है।




तुला-  (LIBRA )सफेद, चमकीला या सिल्वर।


कर्क-( LEO) कर्क राशि के लिए सफेद, सिल्वर या क्रीम रंग फायदेमंद रहता है।

सिंह- इन्हें लाल, मैरून, चॉकलेटी रंग के रुमाल रखना चाहिए।


मेष- ( Aries)लाल या मैरून रंग के रुमाल रखने चाहिए।

सभी राशि वालों के लिए सटीक उपाय, बिगड़ी किस्मत भी चमक जाएगी

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रत्नों का ज्योतिष शास्त्र में काफी अधिक महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि रत्न धारण करने से संबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में चल रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं। फोटो देखिए और जानिए कौन सा रत्न किस ग्रह के लिए, कौन से वार और समय में किस अंगुली में पहनना चाहिए...


 जिनकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो उन्हें माणिक धारण करना चाहिए। इसके लिए रविवार का दिन सर्वश्रेष्ठ है। रविवार के दिन सूर्योदय के समय माणिक अनामिका अंगुली यानि रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए।


मोती उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन लोगों को चंद्र की महादशा चल रही हो। किसी भी सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका या कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) में मोती धारण करना चाहिए।


मंगल की महादशा में मूंगा धारण करना सबसे अच्छा उपाय है। मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच मूंगा अनामिका यानि रिंग फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।






 जिन लोगों की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करने के लिए बुधवार श्रेष्ठ दिन है। दिन के समय 12 बजे से 2 बजे तक सबसे छोटी अंगुली में पन्ना धारण करें।




 पुखराज उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन्में गुरु की महादशा चल रही हो। इसके लिए गुरुवार श्रेष्ठ दिन है। गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच तर्जनी अंगुली यानि इंडेक्स फिंगर में धारण करना चाहिए।




जिन लोगों को शुक्र की महादशा चल रही है उन्हें हीरा धारण करना चाहिए। इसके लिए शुक्रवार सबसे अच्छा दिन है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच हीरा मध्यमा अंगुली यानि मिडिल फिंगर में पहनना चाहिए।




यदि किसी व्यक्ति को शनि की महादशा चल रही है उन्हें नीलम धारण करना चाहिए। नीलम धारण करने के लिए शनिवार सबसे अच्छा दिन है। शाम 5 बजे से 7 बजे तक मिडिल फिंगर यानि मध्यमा अंगुली में नीलम धारण किया जा सकता है।




जिन लोगों को राहु या केतु की दशा चल रही है उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। इसके लिए शनिवार श्रेष्ठ दिन है। शनिवार को सूर्यास्त के बाद मिडिल फिंगर या मध्यमा अंगुली में गोमेद धारण करें।



ध्यान रहे किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। कभी-कभी रत्न का प्रभाव बहुत जल्दी हो जाता है। कुछ परिस्थितियों में रत्न विपरित प्रभाव भी दे सकते हैं अत: बिना ज्योतिषी के परामर्श के रत्न धारण न करें।







Friday, July 6, 2012

हैंडराइटिंग से जानिए आपके स्वभाव

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सामान्यत: जैसी हमारी आदत या जैसा हमारा स्वभाव होता है ठीक उसी प्रकार हम सभी कार्य करते हैं। इन्हीं कार्यों की वजह से समाज या घर परिवार में हमारे रिश्ते अच्छे या बुरे रहते हैं। जिन लोगों की बहुत से लोगों से दोस्ती होती है अधिकांशत: उनकी हैंडराइटिंग आगे ही झुकी होती है। जी हां, किसी भी व्यक्ति की हैंडराइटिंग से भी उसका स्वभाव और आदतें मालुम की जा सकती है।

ज्योतिष शास्त्र और मनोविज्ञान के अनुसार लिखावट भी हमारे व्यक्तित्व को दर्शा देती है।

सभी लोगों की लिखने की शैली अलग-अलग होती है। कुछ लोगों के अक्षर आगे या पीछे की ओर झुके हुए बनते हैं।




जो लोग लिखते समय अक्षर आगे की ओर या दाएं ओर झुकाते हैं उनका स्वभाव बहुत मैत्रीपूर्ण होता है इसी वजह से हर जगह इनके दोस्तों की संख्या काफी अधिक होती है।


ऐसे अक्षर लिखने वाला व्यक्ति अंर्तमन की बातों को दूसरों के सामने जल्दी कह देते हैं। वे बहुत व्यवहारिक होते हैं। इसलिए इनके दोस्त जल्दी बन जाते हैं। ये लोग जो भी काम करते हैं पूरे उत्साह और उमंग के साथ करते हैं।


ऐसे लोग आज में जीने में विश्वास रखतें हैं। इसलिए बीती बातों को ज्यादा दिन दिल से लगाकर नहीं रखते।


भविष्य की कल्पना करते हैं क्योंकि इन्हें अपने आप पर विश्वास होता है। ये जिन्दगी में अपनी प्रेरणा से आगे बढ़ते हैं। ऐसे लोग बहुत भावुक होते हैं। ऐसे लोग मनमौजी होते हैं।

Thursday, June 21, 2012

गुरुवार को बोलें ये 5 आसान गुरु मंत्र..मिलेगा सफलता, तरक्की व ऊंचाई का मजा

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अक्सर हर इंसान के जीवन का मकसद सुख और शांति इन दो शब्दों के दायरे में उजागर होता है। ऐसी सुख-शांति के सुरक्षा घेरे में आने के लिये जो अहम बातें जरूरी होती है, वह है - अच्छाई। अच्छाई बेहतर विचार, ज्ञान, विवेक, बुद्धि, सद्गुणों के रूप में प्रकट होती है। जिसके लिये कोई नियत वक्त नहीं, बल्कि ताउम्र कर्म और पुरुषार्थ से जुड़े रहना जरूरी होता है। 

वहीं धार्मिक उपायों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, विद्या, विवेक, सौभाग्य और समृद्धि देने वाली मानी गई है। ज्योतिष के मुताबिक भी गुरु ग्रह सुख-सौभाग्य की कारक है, जो पद, यश, प्रतिष्ठा, दाम्पत्य सुखों के रूप में प्रकट होते हैं। 

अगर आप भी जीवन में तरक्की, ऊंचाई, सफलता के साथ भाग्य का साथ चाहते हैं तो यहां बताए 5 सरल मंत्रों और पूजा विधि से गुरु बृहस्पति की उपासना कर जीवन में सुख-शांति का लुत्फ उठाएं - 

- सुबह स्नान कर नवग्रह मंदिर या बृहस्पति मंदिर में भगवान बृहस्पति की केसर, हल्दी मिले दूध अर्पित करें। पीले फूल, पीले चावल, पीला वस्त्र, पीला अनाज, पीले रंग की मिठाई चढ़ाकर पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे सरल 5 बृहस्पति मंत्रों को स्मरण कर सुख-सौभाग्य की कामना से करें व अंत में गाय के पीले घी से दीप जलाकर आरती करें -

ॐ सुरकार्यकृतोद्यमाय नमः।

ॐ देवपूजिताय नमः।

ॐ अङ्गिरःकुलसंभवाय नमः।

ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः।

ॐ धर्मरूपाय नमः।

Tuesday, June 19, 2012

शुभ मुहूर्त: जानिए कब करें देव प्रतिमा की स्थापना

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मंदिर के लिए जब भगवान की प्रतिमा बनवाई जाती है तो उसकी प्रतिष्ठा भी शुभ मुहूर्त देखकर ही की जाती है। मंदिर में प्रतिमा की प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-

शुभ वार- देव प्रतिष्ठा मुहूर्त के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शुभ हैं।

शुभ तिथि- शुक्लपक्ष की 1, 2, 5,10, 13, 15 वीं तिथि शुभ हैं। मतांतर से कृष्णपक्ष 1, 2, 5वीं तिथि भी शुभ मानी गई है।

शुभ नक्षत्र- पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, हस्त, रेवती, रोहिणी, अश्विनी, मूला, श्रवण, धनिष्ठा व पुनर्वसु नक्षत्र शुभ हैं। इसके अतिरिक्त उत्तरायण के सूर्य में गुरु, शुक्र और मंगल भी बली होना चाहिए। 

लग्न शुद्धि- स्थिर व द्विस्वभाव लग्न हो केंद्र व त्रिकोण में शुभ ग्रह एवं 3,6,11वें पाप ग्रह हों। अष्टम में कोई पाप ग्रह हो।

देवशयन, मलमास, गुरु-शुक्र अस्त व निर्बल चंद्र कदापि नहीं होना चाहिए। शिवलिंग स्थापना के लिए शिववास भी देखना शुभ होता है।

जानिए मंगलवार को कौन-कौन से काम करने चाहिए

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मंगलवार का दिन हनुमानजी की आराधना का विशेष दिन माना जाता है। इसके साथ ही ज्योतिष के अनुसार ये दिन मंगल ग्रह के निमित्त पूजा करने का विधान बताया गया है। मंगल देव की खास पूजा उन लोगों को करनी चाहिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है।

यदि आपकी जन्म कुंडली में मंगल दोष है तो निश्चित ही आपको बहुत सारी परेशानियां घेरे रहती होंगी। समय पर विवाह नहीं होता, धन के संबंध में समस्याएं चलती रहती हैं, घर-जमीन-जायदाद को लेकर तनाव झेलना पड़ता है। मंगल भूमि पुत्र है और भूमि से संबंधित कार्य करने वालों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। आप प्रापर्टी के संबंध में सौदे या व्यवसाय करते हैं और अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो मंगल देवता को खुश रखना बहुत जरूरी है।

जिनकी लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है वे मंगली कहलाते हैं। ऐसे लोगों को मंगलवार के दिन यहां बताए गए उपाय करना चाहिए। साथ ही जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ फल देने वाला है उनके लिए हम यहां कुछ अचूक उपाय बता रहे हैं जिन्हें अपनाने से मंगल आपके अनुकूल हो जाएगा और समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।


मंगल प्रभावित व्यक्ति क्रोधी हो जाता है, अत: प्रयत्न करें की क्रोध आप पर हावी न हो।


लाल रंग मंगल का विशेष प्रिय रंग हैं अत: कम से कम को मंगलवार खाने में ऐसा खाना खाएं जिसका रंग लाल हो, जैसे इमरती, मसूर की दाल, सेवफल आदि।


अपने घर में भाई-बहनों का विशेष ध्यान रखें। मंगलवार को उन्हें कुछ विशेष उपहार दें।


मंगलवार हनुमानजी का दिन माना जाता है अत: इस दिन उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।


सुंदरकांड या हनुमान चालिसा का पाठ करें।


ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मंगल शांति के लिए मंगल का दान (लाल रंग का बैल, सोना, तांबा, मसूर की दाल, बताशा, लाल वस्त्र आदि) किसी गरीब जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दें।


मंगल का मंत्र: ऊँ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताये धीमहि तन्नौ भौम: प्रचोदयात्। इस मंत्र का नित्य जप करें।


मंगल परम मातृभक्त हैं। वह सभी माता-पिता का सेवा-सम्मान करने वाले लोगों पर विशेष स्नेह रखते हैं अत: मंगलवार को अपनी माता को लाल रंग का विशेष उपहार दें। मंगल से संबंधित वस्तुएं उपहार में भी ना लें।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल हमारे शरीर के रक्त में स्थित माना गया है। अत: ऐसा खाना खाएं जिससे आपका रक्त शुद्ध बना रहे।


मंगलवार का व्रत रखें और किसी गरीब को पेटभर खाना खिलाकर तृप्त करें।

ऐसी लड़कियों का मां बनना होता है मुश्किल

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मां बनना हर स्त्री का सपना होता है, परंतु कुछ महिलाओं को यह सुख नहीं मिल पाता या देर से मिलता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जिन महिलाओं की कुंडली में बांझ योग होता है, उनमें मातृत्व सुख से वंचित रहने की संभावनाएं रहती हैं।

- क्या होता है बांझ योग?

- स्त्री की कुंडली में कैसी ग्रह स्थिति होती है जिससे मां बनने में परेशानियां आती हैं?

- इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के ज्योतिषीय उपाय...


यदि किसी स्त्री की कुंडली में जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रहों से युक्त हो तो बांझ योग बनता है।


यदि किसी स्त्री की कुंडली का पंचम भाव बुध से पीड़ित हो या कुंडली के सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो स्त्री संतान उत्पन्न करने में असमर्थ हो सकती है।


यदि किसी स्त्री की कुंडली के पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


किसी महिला की कुंडली के सप्तम भाव में यदि सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतान प्राप्ति मे समस्याएं आती हैं।


इस प्रकार के अशुभ योगों से बचने के लिए ये उपाय करें- - हरिवंश पुराण का पाठ करें। - गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें। - कुंडली के पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार कराएं। - दूध का सेवन करें।




लड़का या लड़की जल्दी शादी करना चाहते हैं तो ये उपाय करें...

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हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह। सामान्यत: सभी लोगों का विवाह हो जाता है, कुछ लोगों का जल्दी विवाह होता है तो कुछ लोगों की शादी में विलंब होता है। यदि किसी अविवाहित लड़के या लड़की की सभी परिस्थितियां बहुत अच्छी हैं लेकिन फिर भी विवाह नहीं हो पा रहा है तो ऐसा संभव है कि उनकी कुंडली में कोई ग्रह बाधा हो।


शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस व्रत में खाने में पीले रंग का खाना ही खाएं, जैसे चने की दाल, पीले फल, केले आदि। इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए। हालांकि इस व्रत के कई कठोर नियम भी हैं। ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: मंत्र की पांच माला प्रति गुरुवार जप करें। गुरु ग्रह की पूजा के अतिरिक्त शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। इसके लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्वपत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें।


बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है। गुरुवार के दिन बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए।


अविवाहित युवाओं की कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित बाधा हो तो विवाह में विलंब होता है। गुरु ग्रह को शादी का कारक ग्रह माना जाता है। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली मंगली होती है उनका विवाह या तो जल्दी हो जाता है या काफी विलंब से होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ स्थिति में है तो उसे बृहस्पति ग्रह को मनाने के लिए ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए।




Saturday, May 12, 2012

Colors in life

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WhiteBrides wear white to symbolize innocence and purity. White reflects light and is considered a summer color. White is popular in decorating and in fashion because it is light, neutral, and goes with everything. However, white shows dirt and is therefore more difficult to keep clean than other colors. Doctors and nurses wear white to imply sterility.
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BlackBlack is the color of authority and power. It is popular in fashion because it makes people appear thinner. It is also stylish and timeless. Black also implies submission. Priests wear black to signify submission to God. Some fashion experts say a woman wearing black implies submission to men. Black outfits can also be overpowering, or make the wearer seem aloof or evil. Villains, such as Dracula, often wear black.
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Red

The most emotionally intense color, red stimulates a faster heartbeat and breathing. It is also the color of love. Red clothing gets noticed and makes the wearer appear heavier. Since it is an extreme color, red clothing might not help people in negotiations or confrontations. Red cars are popular targets for thieves. In decorating, red is usually used as an accent. Decorators say that red furniture should be perfect since it will attract attention.
The most romantic color, pink, is more tranquilizing. Sports teams sometimes paint the locker rooms used by opposing teams bright pink so their opponents will lose energy.
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Blue
The color of the sky and the ocean, blue is one of the most popular colors. It causes the opposite reaction as red. Peaceful, tranquil blue causes the body to produce calming chemicals, so it is often used in bedrooms. Blue can also be cold and depressing. Fashion consultants recommend wearing blue to job interviews because it symbolizes loyalty. People are more productive in blue rooms. Studies show weightlifters are able to handle heavier weights in blue gyms.
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Green
Currently the most popular decorating color, green symbolizes nature. It is the easiest color on the eye and can improve vision. It is a calming, refreshing color. People waiting to appear on TV sit in “green rooms” to relax. Hospitals often use green because it relaxes patients. Brides in the Middle Ages wore green to symbolize fertility. Dark green is masculine, conservative, and implies wealth. However, seamstresses often refuse to use green thread on the eve of a fashion show for fear it will bring bad luck.
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Yellow
Cheerful sunny yellow is an attention getter. While it is considered an optimistic color, people lose their tempers more often in yellow rooms, and babies will cry more. It is the most difficult color for the eye to take in, so it can be overpowering if overused. Yellow enhances concentration, hence its use for legal pads. It also speeds metabolism.
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Purple
The color of royalty, purple connotes luxury, wealth, and sophistication. It is also feminine and romantic. However, because it is rare in nature, purple can appear artificial.
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Brown
Solid, reliable brown is the color of earth and is abundant in nature. Light brown implies genuineness while dark brown is similar to wood or leather. Brown can also be sad and wistful. Men are more apt to say brown is one of their favorite colors.
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