Lal Kitab's central theme is to diagnose problems by studying the chart of a person and providing simplistic solutions to him.The entire system is created solely to relieve people from there problems.The lal kitab is based on Samudrik shastra and jyotish gyan.
Monday, August 4, 2008
यात्रा
विदेशय यात्रा
1. केतु न. 12 हो तो विदेश या अन्य यात्राएं अधिक करनी पड़ती हैं।
2. राहु न. 6 में और न. 12 में जब राहु के शत्रु ग्रह शुक्र, मंगल और सुर्य आ जाये तब
विदेश यात्रा का योग बनता है।
3. शनि न. 12 के समय भी विदेश यात्रा का योग बन्ता है।
यात्रा
हवाई - बृहस्पति से, समुद्री - चन्द्र से, खुश्की - शुक्र से देखी जाती है। सामान्य यात्रा, तबदीली केतु से देखी जाती है।
केतु
न. 1 - यदि केतु न. 1 हो वर्षफल के अनुसार तो यात्रा के लिए, बिस्तर बंध है, आदेश हो
चुका है, परन्तु अन्त में यात्रा नहीं होगी, यदि होगी तो वापिस आना पड़ेगा,
न. 2 - उन्नति पाकर यात्रा होगी, होगी तो दोनों बाते हागी नही तो एक भी नहीं होगी। जबकि न. 8 मन्दा न हो।
न. 3 - भाई बन्धुऔं से दूर परदेश का जीवन बिताना पड़ेगा जबकि न. 9 खाली हो।
न. 4 - यद्यपि यात्रा नहीं होगी, यदि होती तो जहां माता रह रही है वहा तक की हागी, स्थान का परिवर्तन और मन्दी यात्रा नहीं होगी जब कि न. 10 ठीक हो।
न.5 - स्थान या नगर का परिवर्तन तो कभी देखा नहीं गया विभाग के अन्दर उसी शहर में किसी दूसरे कमरे बैठना पड़ जायें, यह परिवर्तन मन्दा नहीं होगा, यदि बृहस्पति नेक हो।
न.6 - यात्रा का आदेश जारी होकर एक बार तो अवश्य रद्य होगा जबकि न. 12 में कोई न कोई ग्रह अवश्य बैठा हो।
न.7 - जद्यी घर - बार की यात्रा अवश्य होगी, उन्नति की शर्त नहीं , जातक यदि आप न जाये तो बीमार होकर जाना पड़े, नगर का परिवत्रन जरूर होगा परिणाम ठीक होगा, न. १ ठीक होना चाहिए कोई नीच ग्रह न. 1 का मन्दा न कर रहा हो।
न.8 - विशेष प्रसन्नता की यात्रा नहीं होगी, इच्छा के विरूद्ध मन्दी यात्रा होगी, यदि न. 11 में केतु का शत्रु चंद्र, मंगल न हों केतु की इस मन्दी हवा का असर केतु की चीजें (पुत्र, कान, राठी की हड्डी, जोड़ो का दर्द) पर भी हो सकता है। उससे बचाव के लिए चन्द्र का उपाय जरूरी।
उपाय :मन्दिर में या कुत्तों का 15 दिन दूध देता रहे।
न.9- अपनी इच्छा से प्रसन्नता से अपनी जद्यी घर बार की यात्रा होगी परिणाम ठीक होंगे, जबकि न. ३ का बुरा प्रभाव पड़ रहा हो।
न. 10 - यात्रा बिना सम की होगी, शनि शुभ तो दो गुणा लाभ अशुभ तो हानि, न. ८ मन्दा तो अवश्य मन्दा यहां न. २ के ग्रह सहायक होंगें।
न. 11 - यात्रा का ओदश बड़े अधिकारी से चलकर नीचे तक पहुच नहीं सकेगा दिखावटी हिल जुल होगी।
न. 12 - अपने परिवार के साथ सुख से रहने का समय होगा, उन्नति अवश्य शर्तन नहीं यदि यात्रा करनी भी पड़ जायें जो लाभ दायेक होगी जबकि न. 2, 6 शुभ हो।
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