lalkitab remedies
अक्सर हर इंसान के जीवन का मकसद सुख और शांति इन दो शब्दों के दायरे में उजागर होता है। ऐसी सुख-शांति के सुरक्षा घेरे में आने के लिये जो अहम बातें जरूरी होती है, वह है - अच्छाई। अच्छाई बेहतर विचार, ज्ञान, विवेक, बुद्धि, सद्गुणों के रूप में प्रकट होती है। जिसके लिये कोई नियत वक्त नहीं, बल्कि ताउम्र कर्म और पुरुषार्थ से जुड़े रहना जरूरी होता है।
वहीं धार्मिक उपायों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, विद्या, विवेक, सौभाग्य और समृद्धि देने वाली मानी गई है। ज्योतिष के मुताबिक भी गुरु ग्रह सुख-सौभाग्य की कारक है, जो पद, यश, प्रतिष्ठा, दाम्पत्य सुखों के रूप में प्रकट होते हैं।
अगर आप भी जीवन में तरक्की, ऊंचाई, सफलता के साथ भाग्य का साथ चाहते हैं तो यहां बताए 5 सरल मंत्रों और पूजा विधि से गुरु बृहस्पति की उपासना कर जीवन में सुख-शांति का लुत्फ उठाएं -
- सुबह स्नान कर नवग्रह मंदिर या बृहस्पति मंदिर में भगवान बृहस्पति की केसर, हल्दी मिले दूध अर्पित करें। पीले फूल, पीले चावल, पीला वस्त्र, पीला अनाज, पीले रंग की मिठाई चढ़ाकर पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे सरल 5 बृहस्पति मंत्रों को स्मरण कर सुख-सौभाग्य की कामना से करें व अंत में गाय के पीले घी से दीप जलाकर आरती करें -
ॐ सुरकार्यकृतोद्यमाय नमः।
ॐ देवपूजिताय नमः।
ॐ अङ्गिरःकुलसंभवाय नमः।
ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः।
ॐ धर्मरूपाय नमः।
अक्सर हर इंसान के जीवन का मकसद सुख और शांति इन दो शब्दों के दायरे में उजागर होता है। ऐसी सुख-शांति के सुरक्षा घेरे में आने के लिये जो अहम बातें जरूरी होती है, वह है - अच्छाई। अच्छाई बेहतर विचार, ज्ञान, विवेक, बुद्धि, सद्गुणों के रूप में प्रकट होती है। जिसके लिये कोई नियत वक्त नहीं, बल्कि ताउम्र कर्म और पुरुषार्थ से जुड़े रहना जरूरी होता है।
वहीं धार्मिक उपायों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान, विद्या, विवेक, सौभाग्य और समृद्धि देने वाली मानी गई है। ज्योतिष के मुताबिक भी गुरु ग्रह सुख-सौभाग्य की कारक है, जो पद, यश, प्रतिष्ठा, दाम्पत्य सुखों के रूप में प्रकट होते हैं।
अगर आप भी जीवन में तरक्की, ऊंचाई, सफलता के साथ भाग्य का साथ चाहते हैं तो यहां बताए 5 सरल मंत्रों और पूजा विधि से गुरु बृहस्पति की उपासना कर जीवन में सुख-शांति का लुत्फ उठाएं -
- सुबह स्नान कर नवग्रह मंदिर या बृहस्पति मंदिर में भगवान बृहस्पति की केसर, हल्दी मिले दूध अर्पित करें। पीले फूल, पीले चावल, पीला वस्त्र, पीला अनाज, पीले रंग की मिठाई चढ़ाकर पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे सरल 5 बृहस्पति मंत्रों को स्मरण कर सुख-सौभाग्य की कामना से करें व अंत में गाय के पीले घी से दीप जलाकर आरती करें -
ॐ सुरकार्यकृतोद्यमाय नमः।
ॐ देवपूजिताय नमः।
ॐ अङ्गिरःकुलसंभवाय नमः।
ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः।
ॐ धर्मरूपाय नमः।