Wednesday, July 18, 2012

किसी के बोलने का तरीका कैसा होता है?

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ज्योतिष के अनुसार कुंडली से मालूम किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति की बोली कैसी है? जन्मपत्रिका का लग्न अथवा प्रथम भाव बोली का कारक होता है। लग्र में जिस तरह का ग्रह होता है व्यक्ति की बोली वैसी ही होता है।


 लग्न भाव में सूर्य शुभ हो तो व्यक्ति कम बोलने वाला लेकिन अशुभ सूर्य होने पर व्यक्ति अत्यधिक बोलने वाला होता है।


लग्न भाव में चंद्र शुभ हो तो जातक मीठा बोलने वाला, अशुभ हो तो वह व्यक्ति कड़वा बोलता है।


यदि लग्न भाव में मंगल हो तो व्यक्ति तीखा बोलता है। मंगल के शुभ या अशुभ होने पर भी जातक तीखा बोलने वाला ही होता है।


यदि प्रथम भाव में बुध शुभ हो या अशुभ व्यक्ति ओजस्वी वक्ता होता है।


गुरु शुभ हो या अशुभ व्यक्ति शालीन बोलने वाला होता है।


शुक्र लग्न में शुभ हो तो व्यक्ति चतुर भाषी और अशुभ हो तो झूठ बोलने वाला होता है।


लग्न में शनि शुभ हो या अशुभ जातक कड़वा बोलने वाला होता है।


राहु लग्र में हो तो व्यक्ति असभ्य भाषा का प्रयोग करने वाला होता है।


केतु लग्न में हो तो मृदुभाषी होता है।


यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम भाव में कोई ग्रह न हो तो लग्न भाव पर जिस ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो वैसा ही असर समझना चाहिए।

Monday, July 16, 2012

सातों दिन करेंगे ये काम तो मालामाल हो जाएंगे आप

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सोमवार-इस दिन सफलता प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं। कच्चा दूध यानी बिना गर्म किया हुआ दूध। अगर यह संभव न हो तो कार्य के लिए घर से निकलने के पहले दूध या पानी पी लें। साथ ही ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: सोमाय नम: मंत्र बोल कर घर से निकलें। सफेद रंग का रूमाल साथ रखें।


मंगलवार-यह दिन हनुमानजी की आराधना का विशेष दिन है। अत: इस सुबह-सुबह हनुमान मंदिर जाएं। साथ ही हनुमानजी को बना हुआ बनारसी पान और लाल फूल चढ़ाएं। घर से निकलने से पहले शहद का सेवन करें और ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र बोल कर प्रस्थान करें। लाल वस्त्र पहनें या लाल कपड़ा साथ रखें।


बुधवार-इस दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें। गणपतिजी को गुड़-धनिया का भोग लगाएं। घर से सौंफ खा कर निकलें। ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जप करें। हरे रंग के वस्त्र पहनें या हरा रूमाल साथ रखें।


गुरुवार-ज्योतिष के अनुसार गुरुवार गुरु ग्रह की आराधना के लिए सर्वोत्तम दिन है। अत: इस दिन बृहस्पति ग्रह के निमित्त विशेष पूजन करें। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु के मंदिर जाएं। श्रीहरि को पीले फूल अर्पित करें। साथ ही ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरुवे नम: मंत्र का जप करें। पीले रंग की कोई मिठाई खाकर घर से निकलें। पीले वस्त्र पहनें या पीला रूमाल साथ रखें।


शुक्रवार-इस दिन सफलता के लिए लक्ष्मीजी को लाल फूल अर्पित करें। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जप करें। घर से निकलने से पहले दही का सेवन करें। सफेद रंग की ड्रेस पहनें या सफेद रूमाल साथ रखें।


शनिवार-हनुमान मंदिर जाएं। हनुमानजी को बना हुआ बनारसी पान और लाल फूल चढ़ाएं। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र जप कर घर से निकलें। तिल का सेवन करें। नीले वस्त्र पहनें या नीला रूमाल साथ रखकर प्रस्थान करें।


रविवार-रविवार को सूर्य देव को जल चढ़ाएं फिर लाल फूल अर्पित करें। इस दिन ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौ स: सूर्याय नम: मंत्र जप करें। गुड़ का सेवन करें। लाल रंग की ड्रेस पहनें या लाल रूमाल रखें।

राशि अनुसार जानिए आपको कहां-कहां से मिलेगा पैसा ही पैसा

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ज्योतिष के अनुसार राशि और राशि स्वामी के प्रभाव से व्यक्ति की आय एवं व्यय निर्धारित होते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार यदि कोई व्यक्ति राशि अनुसार अपना काम या क्षेत्र निर्धारित करे तो उसे ग्रह-नक्षत्रों का भी साथ मिलता है और वह पैसों के साथ ही मान-सम्मान भी प्राप्त करता है। यहां राशि अनुसार जानिए किसी व्यक्ति को कौन से क्षेत्र में कार्य करना चाहिए, 


मेष- सेना, आर्किटेक्ट, अस्त्र, शस्त्र, वास्तुशास्त्र, विस्फोट सामग्री में करियर पर विचार करना चाहिए। इन लोगों को गणित, भौतिक शास्त्र, लेखा आदि विषयों में सफलता अधिक प्राप्त होती है। मंगल के साथ सूर्य की युति हो तो सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिलती है। आपको अत्यधिक सफलता के लिए लाल वस्त्र पहनना चाहिए। मसूर दाल का दान करना चाहिए।


वृषभ- ये लोग अभिनेता, गायक, वाहन विक्रेता, विद्युत उपकरणों के विक्रेता, नाट्य कला, संगीत के विशारद एवं वाणिज्य, कला, पेंटिंग, जीव विज्ञान जैसे विषयों में सफलता प्राप्त करने वाले हैं। शुक्र का स्वामित्व आपको वस्त्र एवं किराना में भी सफलता दिलाता है। अत्यधिक सफलता के लिए आपको सफेद वस्त्र पहनना चाहिए एवं दिन में दही तथा रात को दूध का सेवन करना चाहिए।


मिथुन- इस राशि के लोग अध्यापक, प्राध्यापक, कवि, गीतकार, संगीतकार, प्रवचनकर्ता, ज्योतिषी एवं गणित, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, लेखा, होटेल मैनेजमेंट, प्रबंधन, फायनेंस, बैंक के विषय चुन सकते हैं। अत्यधिक सफलता के लिए हरे वस्त्र पहनना, मूंग की दाल का सेवन एवं दान करना चाहिए। सूर्य का पूजन सर्वश्रेष्ठ है।


कर्क- इन लोगों के लिए जलीय वस्तु, शकर, चावल, चांदी, अध्यापन कार्य, क्लेरिकल, वस्त्र, स्त्रियों के वस्त्र, रेशम, सौंदर्य सामग्री, रंग, उपकरण मरम्मत करना, वाणिज्य, कला, जीव विज्ञान, प्रबंधन, कम्प्यूटर के विषयों को चयन करना उचित होता है। अत्यधिक सफलता के लिए सफेद वस्त्र पहनें, शिव एवं नारायण को चावल को भोग लगाएं एवं चावल का सेवन करें।


सिंह- इस राशि के लोग प्रतिभा के धनी होते हैं। सभी व्यापारों में सफल, विशेषकर सलाहकार, ज्योतिष, अभिभाषक, इंजीनियर, चिकित्सक, वैज्ञानिक, सेना में सफल होते हैं। बेहतर प्रबंधक होते हैं। इनके लिए सभी विषय अनुकूल हैं। इनके लिए वाणिज्य, लेखा, कानून जैसे विषय अति सफलता दिलाने वाले होते हैं। अत्याधिक सफलता के लिए आदित्यह्रदय स्तोत्र का पाठ करें एवं लाल वस्त्र पहनें।


कन्या- ये लोग अध्यापक, प्राध्यापक, अभिभाषक, लेखक, पत्रकार, अभिनय, संगीतकार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं। जीव विज्ञान, भौतिक, रसायन, गणित, लेखा के विषय अनुकूल हैं। अत्याधिक सफलता के लिए हरे वस्त्र पहनें एवं गणेशजी का पूजन करना लाभदायक होता है।


तुला- इन लोगों को अभिनय, संगीत, सेना, प्रबंधन, न्याय विभाग, बैंक, बीमा, फायनेंस, पत्रकारिता, मशीनरी, कंप्यूटर के क्षेत्र में किस्मत आजमाना चाहिए। वाणिज्य, अर्थशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, भाषा, गणित के विषयों का चयन करना शुभ होता हैं। अत्याधिक सफलता के लिए नीले वस्त्र पहनें एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।


वृश्चिक- इन लोगों के लिए सेना, शस्त्र संबंधी कार्य, पुलिस, रक्षा विभाग, न्याय विभाग, क्रिमिनल अभिभाषक, समाज सेवा, संवाददाता, राजनीति के क्षेत्र सफलता दिलाने वाले होते हैं। भौतिक शास्त्र, गणित, कानून, लेखा, राजनीति शास्त्र, होटल मैनेजमेंट, हूमैन रिसोर्स के विषय में पढ़ाई करना लाभदायक होता है। बेहतर सफलता के लिए लाल वस्त्र पहनें या साथ में रखें एवं हनुमानजी का पूजन अर्चन करें।


धनु- इन लोगों को नाट्य, ललित कला, स्वर्ण व्यापारी, चांदी व्यवसाय, किराना, समाज सेवा, अध्यात्म गुरु, प्रबंधक, होटेल, विद्यालय संचालन के क्षेत्र में सफलता मिलती है। विज्ञान, गणित, वाणिज्य, लेखा एवं सभी विषय अनुकूल होते हैं। बेहतर सफलता के लिए पीले वस्त्र पहनें एवं अपने गुरु के सम्मान के साथ गुरु मंत्र का जाप करें।


मकर- ये लोग मशीनरी, रिपेयरिंग, कम्प्यूटर, सिविल इंजीनियर, आर्किटेक्ट, वास्तु विज्ञानी, गुप्त विद्याओं के जानकार, वैज्ञानिक, अच्छे शोधकर्ता होते हैं। इनके लिए गणित, भौतिक, रसायन, संस्कृत भाषा, लेखा, मैनेजमेन्ट संबंधी विषय हितकर होते हैं। अत्याधिक सफलता के लिए काले वस्त्र पहनें एवं हनुमानजी का पूजन करें।


कुंभ- इस राशि के कार्य क्षेत्र बहुत कुछ मकर राशि से मिलते-जुलते हैं। क्योंकि दोनों ही राशि का स्वामी शनि है। इसके अलावा सेना, पत्रकार, तकनीकी विशेषज्ञ, औषधियों के क्षेत्र भी सफलता दिलाने वाले होते हैं। वनस्पति शास्त्र, गणित, फार्मा, इलेक्ट्रिक के विषय हितकर होते हैं। बेहतरीन सफलता के लिए काले वस्त्र पहनें एवं दुर्गा एवं हनुमानजी का पूजन करें।


मीन- इन लोगों को अध्यात्म, धातु विक्रेता, वाहन, विद्युत उपकरणों के विक्रेता, गुप्तचर विभाग अग्रिशमन, न्याय विभाग में सफलता मिलती हैं। गणित, विज्ञान एवं वाणिज्य के सभी विषय, तकनीकी विषय भी लाभकारी होते हैं। अअत्याधिक सफलता 
के लिए पीले वस्त्र पहनें एवं शिव का पूजन करें।



आपका रुमाल कौन से रंग का होना चाहिए

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हमारे पास रखी हर छोटी-बड़ी वस्तु का संबंध हमारी सफलता या असफलता से होता है। ज्योतिष के अनुसार हमारे आसपास जो भी रंग होते हैं उनका प्रभाव हमारे भाग्य पर भी पड़ता है। ज्योतिष में बताए गए नौ ग्रहों का संबंध अलग-अलग रंगों से होता है और रंगों के अनुसार ही हमें अच्छे-बुरे फल प्राप्त होते हैं।

ज्योतिष के अनुसार 12 राशियां बताई गई हैं और इन सभी के अलग-अलग ग्रह स्वामी होते हैं। आपकी राशि के ग्रह स्वामी के अनुसार संबंधित रंगों के रुमाल रखने पर उस ग्रह से शुभ प्राप्त होते हैं।


मीन ( Pisces)- पीला, सफेद, या क्रीम।



कुम्भ-( Aquarius ) काला, नीला जामुनी रंग के रुमाल अच्छे फल प्रदान करते हैं।


वृश्चिक- (Scorpio) लाल, मैरून या चॉकलेटी चाकलेटी।


धनु- ( sagittarus)पीला, क्रीम या सफेद।


मकर-( Capricorn) काला, नीला, भूरा।


कन्या- (Virgo)इन लोगों को हरा, काला या स्लेटी रंग फायदा पहुंचाता है।




तुला-  (LIBRA )सफेद, चमकीला या सिल्वर।


कर्क-( LEO) कर्क राशि के लिए सफेद, सिल्वर या क्रीम रंग फायदेमंद रहता है।

सिंह- इन्हें लाल, मैरून, चॉकलेटी रंग के रुमाल रखना चाहिए।


मेष- ( Aries)लाल या मैरून रंग के रुमाल रखने चाहिए।

सभी राशि वालों के लिए सटीक उपाय, बिगड़ी किस्मत भी चमक जाएगी

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रत्नों का ज्योतिष शास्त्र में काफी अधिक महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि रत्न धारण करने से संबंधित ग्रह के दोषों का निवारण हो जाता है और जीवन में चल रही परेशानियां खत्म हो जाती हैं। फोटो देखिए और जानिए कौन सा रत्न किस ग्रह के लिए, कौन से वार और समय में किस अंगुली में पहनना चाहिए...


 जिनकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो उन्हें माणिक धारण करना चाहिए। इसके लिए रविवार का दिन सर्वश्रेष्ठ है। रविवार के दिन सूर्योदय के समय माणिक अनामिका अंगुली यानि रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए।


मोती उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन लोगों को चंद्र की महादशा चल रही हो। किसी भी सोमवार को शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच अनामिका या कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) में मोती धारण करना चाहिए।


मंगल की महादशा में मूंगा धारण करना सबसे अच्छा उपाय है। मंगलवार के दिन शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच मूंगा अनामिका यानि रिंग फिंगर में धारण करने पर श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।






 जिन लोगों की कुंडली में बुध की महादशा चल रही हो उन्हें पन्ना धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करने के लिए बुधवार श्रेष्ठ दिन है। दिन के समय 12 बजे से 2 बजे तक सबसे छोटी अंगुली में पन्ना धारण करें।




 पुखराज उन लोगों को धारण करना चाहिए जिन्में गुरु की महादशा चल रही हो। इसके लिए गुरुवार श्रेष्ठ दिन है। गुरुवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच तर्जनी अंगुली यानि इंडेक्स फिंगर में धारण करना चाहिए।




जिन लोगों को शुक्र की महादशा चल रही है उन्हें हीरा धारण करना चाहिए। इसके लिए शुक्रवार सबसे अच्छा दिन है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच हीरा मध्यमा अंगुली यानि मिडिल फिंगर में पहनना चाहिए।




यदि किसी व्यक्ति को शनि की महादशा चल रही है उन्हें नीलम धारण करना चाहिए। नीलम धारण करने के लिए शनिवार सबसे अच्छा दिन है। शाम 5 बजे से 7 बजे तक मिडिल फिंगर यानि मध्यमा अंगुली में नीलम धारण किया जा सकता है।




जिन लोगों को राहु या केतु की दशा चल रही है उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए। इसके लिए शनिवार श्रेष्ठ दिन है। शनिवार को सूर्यास्त के बाद मिडिल फिंगर या मध्यमा अंगुली में गोमेद धारण करें।



ध्यान रहे किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। कभी-कभी रत्न का प्रभाव बहुत जल्दी हो जाता है। कुछ परिस्थितियों में रत्न विपरित प्रभाव भी दे सकते हैं अत: बिना ज्योतिषी के परामर्श के रत्न धारण न करें।







Friday, July 6, 2012

हैंडराइटिंग से जानिए आपके स्वभाव

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सामान्यत: जैसी हमारी आदत या जैसा हमारा स्वभाव होता है ठीक उसी प्रकार हम सभी कार्य करते हैं। इन्हीं कार्यों की वजह से समाज या घर परिवार में हमारे रिश्ते अच्छे या बुरे रहते हैं। जिन लोगों की बहुत से लोगों से दोस्ती होती है अधिकांशत: उनकी हैंडराइटिंग आगे ही झुकी होती है। जी हां, किसी भी व्यक्ति की हैंडराइटिंग से भी उसका स्वभाव और आदतें मालुम की जा सकती है।

ज्योतिष शास्त्र और मनोविज्ञान के अनुसार लिखावट भी हमारे व्यक्तित्व को दर्शा देती है।

सभी लोगों की लिखने की शैली अलग-अलग होती है। कुछ लोगों के अक्षर आगे या पीछे की ओर झुके हुए बनते हैं।




जो लोग लिखते समय अक्षर आगे की ओर या दाएं ओर झुकाते हैं उनका स्वभाव बहुत मैत्रीपूर्ण होता है इसी वजह से हर जगह इनके दोस्तों की संख्या काफी अधिक होती है।


ऐसे अक्षर लिखने वाला व्यक्ति अंर्तमन की बातों को दूसरों के सामने जल्दी कह देते हैं। वे बहुत व्यवहारिक होते हैं। इसलिए इनके दोस्त जल्दी बन जाते हैं। ये लोग जो भी काम करते हैं पूरे उत्साह और उमंग के साथ करते हैं।


ऐसे लोग आज में जीने में विश्वास रखतें हैं। इसलिए बीती बातों को ज्यादा दिन दिल से लगाकर नहीं रखते।


भविष्य की कल्पना करते हैं क्योंकि इन्हें अपने आप पर विश्वास होता है। ये जिन्दगी में अपनी प्रेरणा से आगे बढ़ते हैं। ऐसे लोग बहुत भावुक होते हैं। ऐसे लोग मनमौजी होते हैं।